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23 Jun 2025, Mon

यूएसएआईडी संवेग की टीम ने जिला चिकित्सालय देवास का किया निरीक्षण।

USAID Samveg team inspected District Hospital Dewas.

प्रदीप साहू, पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में देवास जिला अस्पताल सहित शासकीय अस्पतालों में कार्बेटॉसिन इंजेक्शन के सफल उपयोग क्रियान्वयन उपयोग किया गया। यूएसएआईडी संवेग की टीम ने जिला चिकित्सालय देवास में मातृ नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण किया। देवास पहुंची टीम का उद्देश्य मातृ नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण करना और यूएसएआईडी संवेग समर्थित कार्य को देखना है।

टीम द्वारा सर्वप्रथम जिला चिकित्सालय के लेबर रूम सहित वार्ड में भ्रमण कर चिकित्सक, स्टॉफ से कार्बेटॉसिन इंजेक्शन का प्रयोग करने, रख रखाव और प्रशिक्षण की जानकारी ली और मरीजों से बात कर प्रदाय स्वास्थ्य सेवाओं को जाना , तत्पश्चात बैठक कर प्रोजेक्ट के बारे मे विस्तृत चर्चा कि गयी, यूएसएआईडी संवेग से टीम सदस्य में श्री जैकब्स जेफरी अमेरिका,श्री ओलेग झूरोव स्विट्जरलैंड, डॉ. हरिशकुमार प्रोजेक्ट डायरेक्टर दिल्ली, डॉ. अनिल नागेन्द्र (भोपाल) शामिल थे।

सीएमएचओ डॉ बेक ने बताया कि मध्यप्रदेश में देवास जिला पहला जिला है जहां जिला चिकित्सालय सहित अन्य शासकीय प्रसव केन्द्रों में प्रसव की तीसरी अवस्था मे सक्रीय प्रबंधन हेतु कार्बेटॉसिन इंजेक्शन का उपयोग जुलाई 2022 से यूएसएआईडी संवेग के सहयोग से एएमटीएसएल इम्प्लीमेंटेशन मॉडल अंतर्गत क्रियान्वित किया जा रहा प्रसव केन्द्रों के 115 नर्सिंग आॅफिसर, 7 विशेषज्ञ, 20 मेडिकल आॅफिसर, कुल 142 स्टाॅफ को प्रशिक्षित किया गया, विगत 02 वर्षो में 32 प्रसव केन्द्रो में 41 हजार 321 प्रसव हुए जिनमें 39 हजार 628 कार्बेटॉसिन इंजेक्शन लगाये गये, जिला स्तर पर मिस खुशबु वर्मा डिस्ट्रीक टैक्निकल कन्सलटैन्ट नियुक्त किया गया। इनके द्वारा प्रसव केन्द्रो पर नियमित इंजेक्शन कार्बेटोसिन की आपूति और संस्थाओं कि मॉनिटरिंग व पदस्थ नवीन स्टाॅफ को प्रशिक्षण दिया गया । समय समय पर सभी चिंहित डिलेवरी पांईट के स्त्री रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टॉफ और बीएमओ को डॉ. हरिशकुमार प्रोजेक्ट डायरेक्टर दिल्ली और टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

सीएमएचओ ने बताया कि प्रसव की तीसरी अवस्था के सक्रीय प्रबंधन के लिए भारत शासन द्वारा शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं मे कार्बेटॉसिन इंजेक्शन का प्रयोग प्रारंभ करने के लिए सर्वप्रथम मध्यप्रदेश के देवास जिले को पायलेट प्रोजेक्ट मे लिया गया है। कार्बेटोसिन एक दवा है जिसका उपयोग प्रसवोत्तर रक्तस्राव, जन्म देने के बाद रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह ऑक्सीटोसिन का एक एनालॉग है, और इसकी क्रिया ऑक्सीटोसिन के समान है। यह गर्भाशय के संकुचन मे मदद करता है। ऑक्सीटोसिन का उपयोग पूर्व से सभी प्रसव केन्द्रों पर किया जा रहा है, इसे रख-रखाव मे कोल्ड चैन का उपयोग किया जा रहा है।

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