Khategaon: एक पेड़ मां के नाम अभियान में हम सबको पौधारोपण करना है
एक पेड़ का मूल्य समझना होगा, एक पेड़ की कीमत रु.10933500 से अधिक है
प्रदीप साहू, Khategaon: हम उस दौर से गुजर रहे है जिसमे हमे किसी चीज का मूल्य तब तक पता नहीं चलता जब तक उसमे प्राइस टैग ना लगा हो। उसकी कीमत उसके ब्रांड ओर उसकी गुणवत्ता सही होने का सबूत है। कोई चीज अगर मुफ़्त है तो उसकी अहमियत उतनी कम और उसके तरफ ध्यान उतना ही कम। इसी सोच ने प्रकृति को नजरंदाज किया और इंसान अपने विनाश की और अग्रसर हुआ।
कलकत्ता विश्वविद्यालय प्रोफेसर टी.एम. के अनुसार 50 वर्षों तक जीवित रहने वाला एक पेड़ रु.2613000 मूल्य की ऑक्सीजन, रु.518400 रुपए मूल्य का वायु प्रदूषण नियंत्रण एवं मिट्टी के कटाव को नियंत्रित करता है साथ ही रु.2613000 मूल्य तक मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है। रु.3135646 मूल्य के पानी का रिसाइकल करता है और रु.2613000 मूल्य का जीव-जंतुओ के लिए घर प्रदान करता है। इस आंकड़े में फलों, वृक्षों से प्राप्त लकड़ी या प्राकृतिक सौंदर्यता का मूल्य शामिल नहीं है।
जिस डेवलपमेंट को हम डेवलपमेंट समझ रहे है अगर वो सही दिशा तो आज प्रकृति की तबाही का मंजर जो देखने को मिलता है वो ना होता। जिस आकर में पिछले 200 सालों में जीवजन्तुओ का विनाश हुआ है ये छटवे सामुहिक विनाश की ओर इशारा कर रहा है। इनकी लगभग कुल आबादी का 70% जनसंख्या का खात्मा हो चुका है और 2050 तक ये स्थिति भयावह होगी। ये तबाही ना सिर्फ प्रकृति की है बल्कि इंसान खुद अपनी कब्र खोदने में लगा है। इंसान को सिर्फ आज की पड़ी है, वह अपनी आने वाली नस्ल के बारे में बिना सोचे समझे प्रकृति का विनाश कर रहा है। ये विकास नहीं विनाश है। सभी के लिए चिंता का विषय!
आज हमे जरूरत है सतत विकास की जिसमे विकास ओर प्रकृति संरक्षण एक साथ चले । इस सिलसिले में मिशन लाइफ एवं एक पेड़ माँ क नाम जैसे अभियान प्रकृति के जख्म पर मलहम का कार्य कर सकते है।
आम जन से अनुरोध है के एक पेड़ माँ के नाम अभियान में वृक्षारोपण करे और अंकुर एप के माध्यम से वृक्षारोपण की मोनिट्रिंग करने में सहियोग करे।