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25 Jun 2025, Wed

Khategaon News: स्वतंत्रता और सनातन के प्रेरणापुंज विर सावरकर: भीम सिंह गुर्जर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गुर्जर देवसेना

Khategaon News: Veer Savarkar is the inspiration of freedom and Sanatan: Bhim Singh Gurjar National Working President Gurjar Devsena

प्रदीप साहू, Khategaon News: महान स्वतंत्रता वीर सावरकर जिन्होंने देश भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म को बचाने के लिए अल्प आयु से ही स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से लड़ाई शुरू कर दी थी। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और बाल गंगाधर तिलक से प्रेरणा ली। 28 में 1883 को भगूर नासिक में उनका जन्म हुआ। प्राथमिक शिक्षा के समय से ही वह क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित हो गए थे। जानकारी देते हुए भीम सिंह गुर्जर खातेगांव किल्लौद राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष‌ अभा गुर्जर देवसेना संस्था प्रदेश उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग महापंचायत मांधाता विधानसभा क्षेत्र ने बताया किआगे चलकर बच्चों के साथ मिलकर अभिनव भारत नाम की एक संस्था बनाई और उसके माध्यम से अंग्रेजों से लड़ने के लिए रणनीति बनाना आरंभ किया। बाद में वह इंग्लैंड गए।

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वहां श्याम जी कृष्ण वर्मा से भेंट कर आगे क्रांति की योजना बनाई इंग्लैंड में जाकर विदेशी कपड़ों की होली सर्वप्रथम उन्होंने ही जलाई,इंग्लैंड में लाइब्रेरी में बहुत सी पुस्तकों का अध्ययन करने के बाद 1857 की गदर को उन्होंने 1857 क्रांति का रूप दिया। *उन्होंने 1857 की क्रांति के रूप में पुस्तक लिखी जिसे सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया। उन्होंने इंग्लैंड में रहकर भारतीय युवाओं को बम बनाना शिखा और सिखाए। अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार किया भारत लाते समय वह जहाज से समुद्र में छलांग कुद गये और फ्रांस पहुंच गए। भाग निकल जाने का प्रयास किया लेकिन गलतफहमी के कारण पकड़े गए भारत लाकर उन्हें आजीवन कारावास की दो सजा दी और काला पानी भेज दिया गया। काला पानी की दशा देखकर अपने साथियों को बचाने के लिए उन्होंने जेल में ही संघर्ष शुरू किया।

अपने साथियों को उपवास ना रहने की सलाह दी । खुद को बचा कर वहां से निकाल कर देश के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया । भारत की आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत से लेख उन्होंने पत्थर और नाखूनों से लिखा। हिंदुओं को बचाने के लिए उन्होंने फौज में जाने की सलाह दी मुसलमान की संख्या फौज में अधिक थी इस कारण उन्होंने हिंदुओं को फौज में अधिक से अधिक जाने के लिए प्रेरित किया और जो असंतुलन फौज में हिंदू मुसलमान का था मुसलमान 60% और हिंदू 40% थे।

सावरकर जी की प्रेरणा से आजाद नहीं आते-जाते तक हिंदू 60% और मुसलमान 40% रह गए थे जिसका परिणाम हुआ कि हम आजाद के समय पाकिस्तान और मुसलमान से बच सकते,इसी कारण एन केन प्रकारेण उन्होंने कला पानी से निकाल ने की कोशिश की और सफलता प्राप्त की चाहे उन्हें माफी क्यों न मांगना पड़ा और उनका माफी मांगने का आएगी कारण था कि हिंदुओं को बाहर जाकर जगाया जाए और बचा हुआ जीवन भारत के लिए समर्पित कर दिया जाए। हिंदू राष्ट्र के लिए समर्पित किया जाए और बहुत हद तक वह सफल हुए, आज भारत में जितने भी हिंदू बचे हुए हैं।

अगर सावरकर काला पानी से बाहर नहीं आते। तो उनका बचना भी संभव नहीं होता । सावरकर महान है उनकी अद्भुत वीरता के कारण ही उन्हें वीर कहा जाता है। उन्होंने हिंदू धर्म से जाति व्यवस्था समाप्त करने की लगातार कोशिश की गांधीजी से बात की लेकिन इस विषय पर उसे समय कांग्रेस और गांधी ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया सावरकर बनना बहुत कठिन है सावरकर धड़कते हुई ज्वाला है। सावरकर एक संस्था है। सावरकर एक जीवन का प्रभाव है। सावरकर का चरित्र एक अकल्पनीय अविश्वसनीय लेकिन सावरकर एक महान क्रांतिकारी थे।

जिन्होंने भारत में अनेक क्रांतिकारियों को पैदा किया और आज का भारत उन्ही की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है ऐसी महान विभूति हुतात्मा महान क्रांतिकारी स्वतंत्र वीर सावरकर के चरणों में शत-शत नमन बंधन करता हूं।

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