Khategaon News: सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर में हुआ राष्ट्र प्रहरी सम्मान समारोह

Khategaon News: National Guard Honor Ceremony held in Siddhodaya Siddha Kshetra Nemawar

जिस प्रकार सैनिक अपने कर्तव्यों के लिए निजी सुखों का त्याग करता है, साधु भी अपने जीवन को समाज कल्याण के लिए समर्पित करता है: मुनिश्री वीरसागर जी

प्रदीप साहू, Khategaon News: सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर में रविवार को राष्ट्र प्रहरी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुनिश्री वीर सागर जी महाराज का पावन सान्निध्य भी मिला। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सैनिक परिवारों और शहीद परिवारों का सम्मान करना था, जो देश की रक्षा में अपने अमूल्य योगदान के लिए जाने जाते हैं।

Khategaon News

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं–

21 शहीद परिवारों का सम्मान: उन परिवारों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिन्होंने देश के लिए अपने बेटे या पति को खोया है।

150 से अधिक सैनिक परिवारों की सहभागिता: देशभक्ति और त्याग का जश्न मनाने के लिए विभिन्न जिलों से आए परिवारों ने हिस्सा लिया।

19 जिलों का प्रतिनिधित्व: प्रदेश के करीब 19 जिलों से सैनिक परिवारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

दो दिवसीय कार्यक्रम की झलकियां:

मीडिया प्रभारी पुनीत जैन व राजीव जैन ने बताया कि कार्यक्रम के शनिवार शाम को नर्मदा तट पर दीपदान का आयोजन किया गया। जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। रविवार सुबह संत निवास में ध्यान योग से शुरुआत हुई। भोजनशाला में आयोजित भोजन के बाद सभी सैनिक परिवारों का सम्मान किया गया। इस दौरान हरदा के शहीद इलाज सिंह के परिवार को क्षेत्र कमेटी द्वारा 21 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई। इसी तरह एक्स सर्विसमेन वेलफेयर सोसाइटी को भी 21 हजार की राशि प्रदान की गई।

Khategaon News

विधायक ने किया सैनिकों का सम्मान

कार्यक्रम के दौरान खातेगांव विधायक आशीष शर्मा ने सैनिकों को सम्मानित किया। उन्होंने शहीद परिवारों और सैनिकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि देश उनकी सेवाओं का ऋणी है। उनकी उपस्थिति ने पूरे आयोजन को और अधिक गौरवमय बना दिया।

मुनिश्री वीर सागर जी का प्रेरणादायक आशीर्वचन:

मुनि श्री ने अपने आशीर्वचन में सैनिक और साधु के जीवन की समानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,
“जिस प्रकार सैनिक अपने कर्तव्यों के लिए निजी सुखों का त्याग करता है, साधु भी अपने जीवन को समाज कल्याण के लिए समर्पित करता है। सैनिक अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए तत्पर रहता है, जबकि साधु समाज को आध्यात्मिक दिशा प्रदान करता है। उन्होंने भगवान महावीर के उपदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि जैन धर्म में अहिंसा का महत्व है, लेकिन समाज की रक्षा करना भी धर्म है।

समाज की जिम्मेदारी पर जोर–

मुनि श्री ने सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति समाज की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें उनके सुख-दुख में सहभागी बनना चाहिए। त्योहारों और विशेष अवसरों पर उनके घर जाकर उन्हें सम्मान देना समाज का कर्तव्य है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे साधु अपना परिवार छोड़कर पूरे समाज को अपना परिवार मानता है, वैसे ही सैनिक भी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए पूरे देश को अपनी जिम्मेदारी समझता है।

इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में सुरेश काला (ट्रस्ट के कार्याध्यक्ष), उमेश गुर्जर (आयोजन समिति के अध्यक्ष), आनंद परमार (सचिव), और सोसाइटी के अध्यक्ष संतोष शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन उमेश गुर्जर एवं खातेगांव नप अध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र चौधरी ने किया।

सैनिकों के सम्मान का अनोखा उदाहरण

शिक्षाविद् आलोक जैन ने कहा कि राष्ट्रप्रहरी सम्मान दिवस नेमावर क्षेत्र में एक नई परंपरा की शुरुआत का प्रतीक बन गया है। यह आयोजन न केवल सैनिकों और उनके परिवारों के बलिदान को मान्यता देने का प्रयास है, बल्कि समाज और सैनिकों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Leave a Comment