मोहन यादव के राज में पत्रकारों पर पुलिस की कार्रवाई, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा प्रहार!

प्रदीप साहू, हरण गांव, देवास (मध्यप्रदेश): मुख्यमंत्री मोहन यादव के शासनकाल में पत्रकारों के खिलाफ हो रही पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में अब पत्रकार सड़कों पर उतरने लगे हैं। देवास जिले के हरण गांव थाना परिसर के सामने आज सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर धरना प्रदर्शन किया, और पुलिस प्रशासन की दबाव की राजनीति के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई।
क्या है मामला?
स्थानीय पत्रकार द्वारा क्षेत्र में चल रही अवैध गतिविधियों और भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग करने के बाद, पुलिस द्वारा उसे प्रताड़ित करने और झूठे प्रकरण में फंसाने की कोशिश की गई। इसके विरोध में सभी पत्रकार साथी हरण गांव पहुंचे और थाना परिसर के बाहर शांतिपूर्ण धरना दिया।
धरने में पत्रकारों ने कहा – “अब चुप नहीं रहेंगे”
धरने के दौरान पत्रकारों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए कहा कि यदि पत्रकारों की आवाज को दबाने की कोशिशें बंद नहीं हुईं, तो आने वाले दिनों में राज्यभर में व्यापक आंदोलन खड़ा किया जाएगा। पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
पत्रकार संगठनों का समर्थन
धरने को क्षेत्रीय और जिला स्तरीय पत्रकार संगठनों का भी समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रीढ़ माने जाने वाले पत्रकारों को डराना, धमकाना और झूठे केसों में फंसाना संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
प्रशासन बना मूकदर्शक
धरने के दौरान न तो थाना प्रभारी और न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस जवाब मिला। यह चुप्पी पत्रकारों की नाराज़गी को और भड़का रही है।