कार्यवाही नही होने पर बलाई समाज ने दी आन्दोलन कि चेतावनी।
प्रदीप साहू, Dewas News: विगत दिनों पूर्व नगर परिषद सतवास जिला देवास (म.प्र.) में उपाध्यक्ष श्री सुमित पलाश्या के दलित होने के कारण हो रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार के विरोध में अखिल भारतीय बलाई समाज ने महामहिम राज्यपाल के नाम से नायाब तहसीलदार को अवगत कराया।
दिनांक 02/10/2024 को भारत सरकार के आवास एवं शहरी मंत्रालय के द्वारा अमृत 2.0 योजना के शिलान्यास कार्यक्रम का शुभारम्भ नहर परिषद सतवास के द्वारा आयोजित किया गया। यह काय्रक्रम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की वर्चुअल उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। भारत सरकार के आवास एवं शहरी मंत्रालय के द्वारा शिलालेख पटट्कि की जो डिजाईन भेजी थी जिसमें उपाध्यक्ष श्री सुमित पलाश्या जी का नाम प्रोटोकॉल के हिसाब से अंकित था।
किन्तु नगर परिषद सतवास और भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता के चतले छेड़छाड़ करते हुए जानबुझकर नगर पंचायत उपाध्यक्ष पद का नाम शिलालेख (पत्थर) से हटाया गया। जो कि अपराध कि श्रेणी में आता है। एक निर्वाचित दलित नगर पंचायत उपाध्यक्ष का नाम नही लिखना इस बात को दर्शाता है की ये दलित वर्ग के विरोधी है।
उसी प्रकार विगत 24/01/2024 को सतवास नगर परिषद में उपाध्यक्ष का चुनाव सम्पन्न हुआ। जिसमें सुमित पलाश्या उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। नगर परिषद सतवास में उपाध्यक्ष को आवंटित कक्ष विगत 40 वर्षो से बैठने हेतु मिलता रहा , लेकिन 2 दिनो के बाद उपाध्यक्ष के बैठने हेतु आवंटित कक्ष दिनांक 26/01/2024 जिस दिन भारत देश का संविधान लागू हुआ था। उसी दिन दलित विरोधी मानसिकता के चलते अध्यक्ष बलजीत कोर पति सतनामसिंह बग्गा के द्वारा कर्मचारियो को बोलकर आवंटित कक्ष हटवा दिया गया। और उन्हे बैठने नही दिया जा रहा बार बार प्रयास किया गया आवंटित कक्ष की मांग की बहुत समय तक नही मिला लेकिन 01/03/2024 को ब्डव् शांताराम जी चोहान द्वारा कक्ष आवंटित किया गया पर उसी दिन पुनः नगर परिषद अध्यक्ष बलजीतसिंह कोर पति सतनाम बग्गा भाजपा नेताओ के इशारो पर दलित विरोधी मानसिकता के चलते आवंटित कक्ष को कर्मचारीयों के द्वारा पुनः रातोरात हटा दिया गया उन्हे बार बार यह कहा गया कि तुम दलित एवं छोटी जाति के हो तुम चुनाव कैसे जीत गए हम तुम्हे यहां बैठने नही देंगे बाहर निकलो।
इस घटना और वर्तमान में शिलालेख (पत्थर) पर नाम अंकित नही होने की घटना से सम्पूर्ण बलाई समाज का मन आहत हुआ है। बार बार दलित होने के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है।
उक्त ज्ञापन के माध्यम से हम बलाई समाज के सामाजिक साथी मांग करते है कि उपाध्यक्ष को बैठने हेतु कक्ष आवंटित किया जाए एवं शिलालेख को बदलकर नए शिलालेख पर उपाध्यक्ष का नाम अंकित किया जाए और नगर परिषद सतवास जिला देवास के जिन लोगो ने अभिलेख पर नाम हटाने जैसा अपराध किया है उनकी जांच कर दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाए। अगर कार्यवाही नही हुई तो संम्पूर्ण बलाई समाज आंदोलन करेगा।
इस अवसर पर सुरेश मंसौरे वरिष्ठ समाजसेवी, मगन मंसौरे पूर्व सरपंच,लखन मंसौरे बलाई समाज नगर अध्यक्ष, जगदीश पिपलोदे पूर्व सरपंच,रामनारायण चिरोले, हिम्मतसिंह बछानिया,अमृत मेहंदिया बलाई समाज युवा नगर अध्यक्ष,ओमप्रकाश मालवीय, राहुल चावरे,जितेन्द्र गौरे, बालकृष्ण सितोले,राकेश मालवीय,आदि समाजजन उपस्थित थे।