Shivam Dubey, Narmadapuram News: 100 वर्ष का जीवन एक अद्वितीय और अनमोल अनुभव, जिसमें व्यक्ति जीवन के विभिन्न चरणों से गुजरता है और कई चुनौतियों का सामना करता है। विमला शुक्ल समाज में एक ऐसी प्रेरणा है। गुजराती बाज खेडावाल समाज नर्मदापुरम की विमला शुक्ल का शतायु जीवन किसी वरदान से कम नहीं है। 31 अगस्त 1925 को दमोह में जन्मी विमला स्व गुलाव शंकर शुक्ल के व्यक्तित्व का पता इस बात से मिल जाता है कि उन्होंने समाज के बच्चों को शिक्षा में मदद के लिए छात्रवृत्तियां भी प्रदान की ताकि कोई बच्चा सिर्फ पैसों की कमी के कारण पढाई से वंचित न रहे।
31 अगस्त 2025 को विमला शुक्ल का जन शताब्दी महोत्सव मनाया गया जिसमें उनका सम्मान मध्य क्षेत्रीय गुजराती बाज खेडावाल ब्राह्मण समाज तथा गुजराती बाज खेडावाल ब्राह्मण समाज नर्मदापुरम द्वारा किया गया। इस दौरान मध्यक्षेत्रीय गुजराती बाज खेडावाल ब्राह्मण समाज अध्यक्ष अनिमेष प्रमोद शंकर पंडया, बाज खेडावाल दर्शन पत्रिका के संपादक शैलेन्द्र धगट, नर्मदापुरम से सौरभ तिवारी, अशोक दुबे, ओपी तिवारी, मदन जोशी, संदीप दुबे, दिनेश तिवारी, अरूण तिवारी, सिंधु दुबे, पुष्पा जोशी, मंगला तिवारी, मोनिका दुबे, स्वाति दुबे के अलावा परिवार के विशाल धगट और अधिवक्ता अजय तिवारी, एचएस यादव, मनोज जराठे आदि ने दादी विमला शुक्ल को 100 वें जन्मदिवस पर शुभकामनायें दी और उनके जीवन के हर दिन से एक सीख लेने की बात कहीं।