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26 Jun 2025, Thu

Khategaon News: किसानों ने खेत के साथ डिजिटल मोर्चा भी संभाला ट्विटर फेसबुक पर ट्रेंड के बाद गांव गांव दे रहे ज्ञापन

Khategaon News: Farmers took up digital front along with farms, after trending on Twitter and Facebook, they are giving memorandums from village to village

क्या किसानों को मजदूर बनाना चाहती है भाजपा सरकार?

प्रदीप साहू, Khategaon News: मध्यप्रदेश में किसानों द्वारा सोयाबीन फसल के भाव की मांग अलग-अलग माध्यम से सरकार तक पहुंचे इसका प्रयास लगातार किया जा रहा है संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश के आवाहन पर किसानों ने फेसबुक ट्विटर पर #सोयाबीनभाव_6000करो हैशटैग पर अपनी मांग रखी। लेकिन अब किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे तेज गति पकड़ रहा है फेसबुक और ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अलावा अब किसानों ने नए मोर्चे के रूप में गांव-गांव ग्राम पंचायत सचिव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दे रहे हैं अगर हम बात करें देवास जिले की जहां किसान यूनियन की टीम ने गांव-गांव रैली निकाल कर ग्राम पंचायत में सचिवों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दे रहे हैं आपको बता दें जिले के खातेगांव में आज तीसरे दिन किसान यूनियन की टीम ने वर्षा बरछा बुजुर्ग, लौरास, सवासड़ा, बजवाड़ा, दावठा, बागदा, साक्टया पंचायत में ज्ञापन दिया साथ ही सतवास, कन्नौद, बागली, सोनकच्छ, हॉटपिपलिया के किसानों ने भी मोर्चा खोल दिया है

आपको बता दे संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश द्वारा पहले ही 1 से 7 सितंबर एक सप्ताह तक लगातार प्रत्येक गांव में गांव सचिव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का कार्यक्रम तय किया जा चुका है ।

संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश के मीडिया प्रभारी रंजीत किसानवंशी ने बताया “सोयाबीन के भाव का मुद्दा मध्यप्रदेश का सबसे प्रमुख मुद्दा बन गया है गांव गांव में किसान ज्ञापन देकर सोयाबीन का भाव₹6000 प्रति कुंतल किए जाने की मांग कर रहे हैं ट्विटर पर भी आज हमने इसी मांग को लेकर ट्रेंड कराया है जिसमें देश भर के बुद्धिजीवी, पत्रकार, कृषि अर्थशास्त्री ने किसानों की मांग का समर्थन किया है इस मांग को प्रदेश का हर वर्ग समर्थन दे रहा है ।

वैसे आपको पता है कि किसान सोई हुई सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का हर उचित प्रयास कर रहा है चाहे वह गांव गांव ज्ञापन देना हो या डिजिटल प्रकार से ट्विटर, फेसबुक ट्रेंड करना हो।”

मध्य प्रदेश के सभी जिलों में गांव गांव जाकर इस मुहिम के लिए किसान नेता किसानों को जोड़ रहे हैं गांव-गांव ज्ञापन दिए जा रहे हैं।

आज का किसान पढ़ा लिखा है अपनी मांग को रखने के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग कर रहा है किसानो के बेटे शहरों में पढ़ रहे हैं उनको पता है अपनी मांग को प्रभावित तरीके से रखने के लिए सोशल मीडिया का कैसे उपयोग करना है। किसान अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए अपने दर्द को बताने के लिए प्रयास कर रहे हैं किसानों का कोई बोलने वाला नहीं है इसलिए किसान सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक सोयाबीन का भाव 6000 हो इस मांग को पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं

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