1400 वां दिन 1400 पौधे वितरण
प्रदीप साहू, खातेगांव । मां नर्मदा धर्म,धरा,धेनू, प्रकृति, पर्यावरण, संरक्षण संवर्धन के लिए पूर्ण समर्पित सदी की सबसे कठोर अखंड निराहार महाव्रत साधना दादा गुरु 1400 वा दिन 1400 पौधे वितरण मां नर्मदा संवाद कार्यक्रम खातेगांव के इंद्रप्रस्थ गार्डन में आयोजित किया गया जहां दादा गुरू को निराहार के 1400,दिन पूरे हुते 17 अगस्त शनिवार को अवधूत सिद्ध महायोगी अखंड महाव्रत धारी निर्विकार समर्थ दादा गुरु का आगमन।
इंद्रप्रस्थ गार्डन में वृक्षों के पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत हई । वृक्षोंका पूजन दादा गुरु ने किया,अमृतवाणी,समर्थवाणी भक्तों को आशीर्वचन आशीर्वाद स्वरूप 1400 पौधे वितरण किये। जन समूह को दादा गुरु ने संबोधित करते हुए अपने आशीर्वचन में कहा कि मां नर्मदा को बचाना है हमको स्वतंत्र और स्वस्थ जीवन जीना है तो खेतों में जहर डालना छोड़ दो। हम सबको भगवान को यदि प्रसन्न रखना है तो पेड़ पौधे लगाना होगा वृक्ष में ही भगवान है । वृक्ष ही इस धरा पर साक्षात शिव का,दादा का, मां का स्वरूप है जगत जननी मां नर्मदा के आंचल को साफ और स्वच्छ रखना होगा।
दादा गुरु ने अपनी आक्रामक शैली में आशीर्वचन देते हुए कहा कि अभी भी समय है हमें पर्यावरण को बचाना होगा । एक किसान जब खेत की मेड पर वृक्ष को काट देता है और मंदिर में पहुंचकर शिव को जल चढ़ता है तब कैसा महसूस होता है साक्षात शिव का बास जिस पेड़ में है उस पेड़ को काट रहे हैं। खेतों में आग लगाकर जीव जंतुओं को मार रहे हैं और भगवान का पूजन कर रहे हैं। घर आए हुए अतिथि , संत , गुरु का सम्मान ही हमारी संस्कृति है लेकिन हम संस्कृति को भूल रहे हैं हमारे घर के द्वार पर यदि दुश्मन भी आए तो उसका भी सम्मान करना हमारी संस्कृति है।
जिस धरा पर साक्षात मां है उसे धारा के मार्ग पर चलते हैं तो साधना होती है उसे मां की धारा पर बैठ जाते हैं तो आराधना होती है। चलते-चलते भी साधना यदि कहीं होती है तो वह है नर्मदा का पथ और उसे पथ पर यदि बैठ जाए तो वही आराधना हो जाती है। आयोजन में विधायक आशीष शर्मा ने भी पहुंचकर दादा गुरु के आदेश पर मां नर्मदा की महिमा सुनाई। इंद्रप्रस्थ गार्डन में पौधारोपण किया।